Thursday, July 22, 2010

Sai bhajan, bari dur se aaye hain "बडी दूर से आये हैं तेरे दर पर आये हैं"


बडी दूर से आये हैं तेरे दर पर आये हैं
तू सुने या न सुने हम तुझे सुनाते हैं
मेरे सांई तू-2 करदे मेहर हम पर हम रहम के प्यासे हैं, बड़ी दूर से आये हैं तेरे दर पर आये हैं

कोई राम कहे तुझको कोई बाबा बुलाते हैं
हम होके मगन तुझमें तुम्हे अपना बुलाते हैं
हम छोड़ के दर तेरा कहीं शरण न पाएंगे
मेरे सांई तू-2 करदे मेहर हम पर हम रहम के प्यासे हैं बड़ी दूर से आये हैं तेरे दर पर आये हैं

तेरी पालकी सजाएंगे हम तुम्हें संवारेंगे
तेरी झांकी सजाकर हम सारा शहर घूमाएंगे
हम गाएंगे सांई भजन हम नमन चढ़ाएंगे
मेरे सांई तू-2 करदे मेहर हम पर हम रहम के प्यासे हैं बड़ी दूर से आये हैं तेरे दर पर आये हैं

तू राम की मूरत है, तू कृष्ण सूरत है
तू दिनो इमान मेरा, मेरी सांसें भी तेरी है
तू जब भी बुलाएगा हम सिरडी आएंगे
मेरे सांई तू-2 करदे मेहर हम पर हम रहम के प्यासे हैं, बड़ी दूर से आये हैं तेरे दर पर आये हैं

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